छत्तीसगढ़

शासकीय नवीन महाविद्यालय, कोण्टा में रजत जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया

छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की यात्रा का उत्सव

कृष्णा नायक

सुकमा। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने पर शासकीय नवीन महाविद्यालय, कोण्टा में 9 से 11 सितंबर तक रजत जयंती महोत्सव 2025 बड़े उत्साह, उल्लास और सहभागिता के साथ आयोजित किया गया। छत्तीसगढ़ शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षाविद, जनप्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं, पूर्व छात्र, समाजसेवी और स्थानीय संगठन जुड़े। तीन दिनों तक चले इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों, भविष्य की दिशा और युवाओं की सहभागिता पर व्यापक विमर्श हुआ।

प्रथम दिवस – संगोष्ठी, परिचर्चा और विचार मंथन
पहले दिन “छत्तीसगढ़ @50” और “विकसित छत्तीसगढ़ @2047” विषय पर संगोष्ठी, आमंत्रित वक्तव्य एवं परिचर्चा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पी विजय ने की जबकि मुख्य अतिथि जनपद पंचायत उपाध्यक्ष माड़वी हिड़मा रहे। विशिष्ट अतिथियों में नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मौसम जया, सांसद प्रतिनिधि पण्डा अनुराग, विधायक प्रतिनिधि अम्बटी देवेंद्र कुमार, प्राचार्य डीएवी कॉलेज कृष्णचंद्र मिश्र सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
सभी ने छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण उन्नयन, युवाओं की भूमिका और भविष्य की योजनाओं पर अपने विचार साझा किए।

द्वितीय दिवस – एन्युमिनी मीट और प्रतियोगिताएँ
दूसरे दिन पूर्व छात्र सम्मेलन “एन्युमिनी मीट” आयोजित हुआ। भूतपूर्व छात्र-छात्राओं का स्वागत कर उनके अनुभव साझा किए गए। इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए छत्तीसगढ़ पर आधारित क्विज, भाषण और पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन कर युवाओं को राज्य के गौरव से परिचित कराया गया।

तृतीय दिवस – रैली और जनजागरण
अंतिम दिन “रजत जयंती तक का सफर” रैली आयोजित की गई। महाविद्यालय परिसर से कोंटा बाजार होते हुए अटल चौक तक निकाली गई इस रैली में जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कुसुमलता कवासी, सदस्य सुश्री सविता पंडा, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि राजा बाबु, जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पी विजय, सांसद प्रतिनिधि पण्डा अनुराग, प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राएं और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक शामिल हुए।

इस महोत्सव को सफल बनाने में कार्यक्रम संयोजक प्रो. शशिकांत ध्रुवे, कार्यक्रम संचालक प्रो. दुष्यंत कुमार, अतिथि व्याख्यातागण सहित सभी संकायों के शिक्षक, छात्र और स्वयंसेवकों ने सक्रिय योगदान दिया।

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