NMDC बचेली में विश्वकर्मा जयंती का आयोजन, खदान क्षेत्र में प्रतिबंध से पर्यटकों में मायूसी

विघुत विभाग में ऑपरेशन सिन्दूर तो लोडिंग प्लांट में खनन की प्रक्रिया को माॅडल के जरिए दिखाया गया
हर विभाग में हुई भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना, सुरक्षा कारणों से आमजन का प्रवेश सीमित, आंशिक छूट के बाद भी स्थानीयों में नाराजगी बरकरार

दुर्जन सिंह
बचेली। लौह नगरी बचेली में सृष्टि के रचयिता, देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती बुधवार 17 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास और धार्मिक उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर एनएमडीसी बचेली परियोजना के विभिन्न विभागों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। परियोजना के निक्षेप क्रमांक 5, 10 और 11-ए के ’’लोडिंग प्लांट, स्क्रीनिंग प्लांट, क्रशिंग प्लांट, ऑटो शॉप, डाउनहिल, केंद्रीय कार्यशाला, भूविज्ञान एवं गुणवत्ता विभाग, नर्सरी, सिविल और विद्युत विभाग में आकर्षक पंडाल सजाए गए।

विद्युत विभाग में ’’पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’’’ का मॉडल प्रस्तुत किया गया, वहीं लोडिंग प्लांट में ’’लौह अयस्क खनन की प्रक्रिया’’ को मॉडल के जरिए दर्शाया गया। इसके अलावा नगर पालिका कार्यालय में कर्मियो अधिकारियो द्वारा और बस स्टैंड में लोहार समाज द्वारा भी भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमाएं स्थापित कर हवन-पूजन किया गया। हिंदू धर्म में विश्वकर्मा को दुनिया का पहला ’’अभियंता और वास्तुकार’’ माना गया है, इसी कारण परियोजना के प्रत्येक विभाग में श्रद्धापूर्वक उनकी स्थापना की गई।

प्रतिबंध से पर्यटक नाराज-
इस बार सुरक्षा को देखते हुए एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा खदान क्षेत्र में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया था। कर्मचारियो व उनके परिवारो को भी जाने नही दिया जा रहा था, जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ चेकपोस्ट पर कर्मचारियो व सीआईएसएफ के जवान के बीच बहस भी हुई।

गौरतलब है कि वर्षों से विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा खदान क्षेत्रों में आमजन और पर्यटकों के लिए विशेष छूट दी जाती रही है। इस दिन बैलाडिला की पहाड़ियों पर स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, दुर्ग, धमतरी, बिलासपुर के अलावा पड़ोसी राज्यों ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते थे और माहौल मेले जैसा हो जाता था। लेकिन इस वर्ष सुरक्षा कारणों से प्रबंधन ने खदान क्षेत्र में आमजन के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया, जिसके चलते स्थानीय लोगों और पर्यटकों में भारी निराशा और नाराजगी देखी गई।

आंशिक राहत, लेकिन अधूरी-
स्थानीय नागरिकों के लगातार अनुरोध के बाद अनुविभागीय अधिकारी बड़े बचेली द्वारा आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए शाम 4 बजे तक बचेली के आम जनता व रहवासियो के लिए अनुमति दी गई। यह आदेश करीब दोपहर 2 बजे आया, जिससे अधिकांश को इस बारे में जानकारी ही नही मिली। हालांकि देर से आए इस आदेश के कारण केवल कुछ ही लोग पहाड़ियों का आनंद ले पाए और अधिकांश पर्यटक मायूस होकर लौट गए। इस तरह विश्वकर्मा जयंती का आयोजन तो भव्य और धार्मिक उल्लास से परिपूर्ण रहा, लेकिन खदान क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंध ने इस बार के पर्व की रौनक फीकी कर दी। सुरक्षा को मद्देनजर स्थानीय पुलिस, सीआईएसएफ के जवान, गार्ड जगह-जगह पर तैनात रहे। इसके अलावा अन्य स्थानो पर भगवान विश्वकर्मा की जंयती मनाई गई।
