छत्तीसगढ़

डीएव्ही पब्लिक स्कूल बचेली में वार्षिक उत्सव मनाया गया

दुर्जन सिंह

बचेली /दंतेवाड़ा । डीएव्ही पब्लिक स्कूल बचेली में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। इस वर्ष के वार्षिकोत्सव के लिए “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के विचार को केंद्र में रखा गया था। आमंत्रित अतिथि के रूप में श्री महेश एस नायर महाप्रबंधक मानव संसाधन, श्री एम तिरुपति राव उप महाप्रबंधक मानव संसाधन, श्री राकेश रंजन सह महाप्रबंधक मानव संसाधन, श्री संतोष कुमार श्रीवास्तव डीएव्ही पब्लिक स्कूल किरंदुल तथा श्रीमती शुभा पाठक उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत विद्यालय प्राचार्य श्री हरीश कांत पाठक के द्वारा पुष्पगुच्छ से किया गया। दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना के उपरांत विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। ये कार्यक्रम भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत और कला तथा संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले थे। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना से हुआ। उसके उपरांत कार्यक्रम की अगली कड़ी में वेस्टर्न डांस, बीहू नृत्य, कव्वाली तथा राजस्थानी सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके उपरांत अंग्रेजी नाटक, बस्तर नृत्य तथा रावण नृत्य प्रस्तुत किया गया।


तदुपरांत विद्यार्थियों के द्वारा हिंदी नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में भारतीय पर्वों, कांतारा नृत्य और छाया-नृत्य की प्रस्तुति की गई। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यालय के लगभग 300 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यालय प्राचार्य श्री हरीशकांत पाठक के द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके अंतर्गत विगत सत्र में शैक्षणिक, सांस्कृतिक व क्रीड़ा के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का उल्लेख किया गया। वार्षिकोत्सव में विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों ने हर्षोल्लास के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम के दौरान विगत शैक्षणिक सत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही साथ क्रीड़ा के क्षेत्र में भी जिन विद्यार्थियों ने विद्यालय का प्रतिनिधित्व किया उन्हें भी पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि श्री श्रीधर कोडाली ने विद्यालय के शिक्षकों और प्राचार्य के साथ-साथ विद्यार्थियों के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की । दर्शकों ने विशेष रूप से सरस्वती वंदना, बीहू नृत्य, राजस्थानी नृत्य बस्तर नृत्य, रावण नृत्य तथा कांतारा नृत्य की में के दौरान विशेष उत्साह व्यक्त किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ-साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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