छत्तीसगढ़

नक्सल विरोधी अभियान को मिली गति

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा और विकास का नया अध्याय – तुमालभट्टी में नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित

अब तक 518 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया

कृष्णा नायक

सुकमा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशन और गृहमंत्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित“नियद नेल्ला नार”योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम तुमालभट्टी में पुलिस प्रशासन द्वारा नवीन सुरक्षा कैंप की स्थापना की गई है। यह कैंप 08 सितंबर 2025 को पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, उप महानिरीक्षक राजेश पांडेय, कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में स्थापित किया गया।

भारी मानसून और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने अदम्य साहस और प्रतिबद्धता के साथ चुनौतियों का सामना करते हुए इस कैंप को स्थापित कर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। यह कैंप न केवल माओवादियों की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाएगा, बल्कि ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में भी सहायक होगा।

कोंटा से किस्टाराम तक सीधा संपर्क स्थापित करने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा, जिससे आगामी समय में दूरी आधी हो जाएगी और क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होगा। सुरक्षा कैम्प के माध्यम से ग्रामीणों को सड़क, पुल, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, मोबाइल कनेक्टिविटी सहित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

पुलिस प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 से अब तक सुकमा जिले में कुल 14 नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिनमें टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, पुलनपाड़, लखापाल, तुमालपाड़, रायगुड़े़म, गोलाकोंडा, गोमगुड़ा, मेटागुड़ेम, उसकावाया, नुलकातोंग और तुमालभट्टी शामिल हैं। इन कैंपों के कारण नक्सल उन्मूलन अभियान में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

साल 2024 से अब तक 518 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 63 माओवादी मारे गए और 447 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। यह सुरक्षा बलों के संकल्प, रणनीति और जनहित में किए जा रहे कार्यों की बड़ी उपलब्धि है।

ग्रामीणों में इस कैंप की स्थापना को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। सुरक्षा और विकास की यह पहल क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि की नई उम्मीदें जगा रही है। प्रशासन का यह कदम न केवल माओवाद के प्रभाव को कम करेगा, बल्कि लोगों के जीवन में स्थिरता, आत्मनिर्भरता और खुशहाली भी लाएगा।

Related Articles

Back to top button