छत्तीसगढ़

संवेदनाओं से संवरता बाल भविष्यः नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का नींव रखता आस्था आवासीय विद्यालय

(दुर्जन सिंह)

बचेली/दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले में संचालित आस्था आवासीय विद्यालय ने अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के जीवन में आशा की नई किरण जगाई है। माओवादी हिंसा से प्रभावित एवं शिक्षा से वंचित बच्चों को सर्वांगीण सुविधापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ समर्थ और योग्य नागरिक के रूप में उन्हें समाज के मुख्यधारा में लाना इस आवासीय विद्यालय का प्रमुख उद्देश्य है।
वर्ष 2007-08 में जिला मुख्यालय में गुरुकुल आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई थी। जिसे अब जावंगा एजुकेशन सिटी स्थानांतरित किया जा चुका है। इस संस्थान में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा पात्रता अनुसार बच्चों का चयन किया जाता है, जिससे वे शिक्षा, सुरक्षा और संवेदनशील वातावरण में आगे बढ़ सकें। यह संस्थान अब अत्याधुनिक भवन, सुरक्षित परिसर, पुस्तकालय, कम्प्यूटर लैब, खेल मैदान, संगीत एवं योग जैसी सुविधाओं के साथ यह विद्यालय बच्चों के समग्र विकास का केंद्र बन चुका है। विद्यालय में शिक्षक और स्टाफ बच्चों को परिवार की तरह स्नेह और सहयोग प्रदान करते हैं। मृदु व्यवहार, सहनशीलता और भावनात्मक समर्थन के माध्यम से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाया जाता है। छात्रावास में पूर्णकालिक अधीक्षक बच्चों की देखरेख और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। संतुलित भोजन, यूनिफॉर्म और दैनिक उपयोग की अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे बच्चे निश्चिंत होकर शिक्षा और अपने सपनों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। यहाँ व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास को भी विशेष महत्व दिया गया है। कम्प्यूटर शिक्षा, मल्टीमीडिया प्रशिक्षण, कला-कौशल एवं खेल गतिविधियों से बच्चों की प्रतिभा को निखारा जाता है। शैक्षणिक भ्रमण, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा अवकाश अवधि में आयोजित विशेष गतिविधियां उनके व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।


इसके अलावा “स्वस्थ तन, स्वस्थ मन” योजना के अंतर्गत यहां नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सा सुविधा ने द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है। आस्था आवासीय विद्यालय केवल शिक्षा देने का केंद्र नहीं, बल्कि जीवन संवारने का संकल्प है। यहाँ से निकलने वाले प्रत्येक बच्चे की सफलता की कहानी समाज को संदेश देती है कि सही मार्गदर्शन, संवेदनशीलता और अवसर मिले तो कोई भी बच्चा अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024-25 में आस्था गुरुकुल के 2 विद्यार्थी कृ रविन्द्र नेताम (कक्षा 9वीं) एवं श्रेयांश भास्कर (कक्षा 9वीं) का चयन प्रयास आवासीय विद्यालय में हुआ है, जो एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। वर्तमान शिक्षण सत्र 2025-26 में आस्था गुरुकुल में 100 बालक एवं 100 बालिकाएँ प्रवेशित हैं, जो इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ ले रहे हैं।

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