छत्तीसगढ़

प्रशासन के प्रयासों से दूरस्थ वनांचल में साप्ताहिक बाजार प्रारम्भ

रोजगार और सुविधाओं का नया केंद्र बना मरईगुड़ा (वन)

दोरनापाल :- सुकमा जिला अब विकास की नई दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। जनप्रतिनिधियों की सक्रियता और स्थानीय समुदाय के सहयोग से दूरस्थ पहुंचविहीन क्षेत्र भी मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद पंचायत कोंटा के वनांचल क्षेत्र मरईगुड़ा (वन) में साप्ताहिक बाजार का शुभारंभ किया गया, जिससेग्रामीणों को रोजगार, व्यापार और जरूरत की सामग्री अब स्थानीय स्तर पर मिल सकेगी।

सामुदायिक सहयोग से बदली तस्वीर

जनपद पंचायत कोंटा के सुदूर अंतिम छोर पर बसे मरईगुड़ा वन क्षेत्र में साप्ताहिक बाजार प्रारम्भ कराने की पहल प्रशासन सहित जनपद सदस्य श्रीमती रमादेवी हपका, सरपंच सुश्री स्वपना कोरसा और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मिलकर की। लंबे समय से ग्रामीणों की इस मूलभूत आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सकारात्मक कदम उठाए और अंततः शनिवार से यह बाजार संचालन शुरू कर दिया गया। शुभारंभ अवसर पर ग्राम के माटी प्रधान द्वारा नारियल फोड़कर पारंपरिक तरीके से बाजार आरंभ किया गया। ग्रामीणों ने भी उत्साहपूर्वक इस आयोजन में भाग लिया और बाजार शुरू होने पर खुशी व्यक्त की।

अब हर शनिवार लगेगा बाजार

मरईगुड़ा वन क्षेत्र में आयोजित इस सप्ताहिक बाजार से आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों को व्यापार की सुविधा मिलेगी। जिनमें प्रमुख मरईगुड़ा(वन), रामपुरम, लिंगनपल्ली, कन्हैगुडा, विरापुराम, टेटेबंडा, दोरामंगू,कोतूर, रेगड़गट्टा, पुसगुफा, गंगलेर, जगावरम, सोमलगुड़ा, रेडलापल्ली, चिन्नाबंकामडगु, पेदाबंकामडगु के स्थानीय ग्रामीणो को बाजार की उपलब्धता होंगी।

रोजगार और सुविधाओं का नया केंद्र

इस बाजार के शुरू होने से स्थानीय किसानों और कारीगरों को स्वरोजगार एवं उत्पादों की बिक्री का नया माध्यम मिलेगा। ग्रामीणों को आवश्यक सामान खरीदने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। महिलाओं के लिए आय के अवसर बढ़ेंगे। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

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