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नया रायपुर में एयर शो का रोमांच देखा केपीएस के students ने

वायुसेना का रिहर्सल देखने बड़ी संख्या में पहुंचे स्कूली बच्चे और लोग

रायपुर में कल एयर-शो , 9 फाइटर जेट्स दिखाएंगे रोमांचक फॉर्मेशन; छत्तीसगढ़ के गौरव भी सूर्यकिरण टीम का हिस्सा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस (रजत जयंती) के उपलक्ष्य में कृष्णा पब्लिक स्कूल डुण्डा रायपुर के कक्षा सातवीं और आठवीं के छात्र, सूर्य किरण एरोबेटिक डिस्प्ले टीम द्वारा आयोजित एयर शो रिहर्सल देखने नया रायपुर पहुंचे। इस दौरान रोमांच और गौरव का अद्भुत संगम देखने को मिला। इसके लिए टीम ने आज सुबह रिहर्सल किया।

छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के अवसर पर रायपुर में कल यानी 5 नवंबर को रोमांच और गौरव का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम (Suryakiran Aerobatic Team- SKAT) अपने दमदार करतबों से आसमान में अद्भुत नजारे पेश करेगी।

भारतीय वायु सेना के विशेष फाइटर जेट्स रायपुर पहुंच चुके हैं। नवा रायपुर के सेंध तालाब के ऊपर एयर शो होगा। इस शो में 9 हॉक एमके-132 फाइटर जेट्स एक साथ आसमान में उड़ान भरेंगे और “बॉम्ब बर्स्ट”, “हार्ट इन द स्काई” और “एरोहेड” जैसे रोमांचक फॉर्मेशन पेश करेंगे।
ग्रुप कैप्टन अजय दशरथी सूर्यकिरण टीम को लीड करेंगे। स्क्वॉड्रन लीडर गौरव पटेल भी टीम का हिस्सा है। खास बात है कि गौरव छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ये शो उनके लिए बेहद खास है। वहीं फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू उड़ते विमानों और जमीन पर मौजूद दर्शकों के बीच सेतु होगी। वे कमेंट्री की जिम्मेदारी संभालेंगी।

छत्तीसगढ़ के गौरव पटेल भी टीम का हिस्सा

स्क्वॉड्रन लीडर गौरव पटेल छत्तीसगढ़ के महासमुंद से हैं। 32 साल के गौरव के पिता किसान हैं। सेना में जाने की प्रेरणा उन्हें अपने दादाजी से मिली जो एनसीसी में इंस्ट्रक्टर रहे हैं।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू होंगी वॉयस ऑफ द स्काई

फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू एयर शो में कमेंट्री की जिम्मेदारी संभालेंगी। जो भारतीय वायुसेना की गर्वित महिला अधिकारी हैं।


हॉक एमके-132 जेट से होगा एयरशो

भारतीय वायुसेना इस शो में हॉक एमके-132 जेट्स का इस्तेमाल करेगी। करीब 15 साल पहले भी एयरशो छत्तीसगढ़ में हो चुका है, लेकिन यह पहली बार है जब सूर्यकिरण की टीम हॉक एमके-132 जेट से करतब दिखाएगी।

हॉक एमके-132 जेट से एक एडवांस्ड जेट ट्रेनर एयरक्राफ्ट है, जिसका उपयोग वायुसेना और नौसेना दोनों पायलटों के प्रशिक्षण में करती हैं। इसमें 30 मिमी तोप, मिसाइल और बम ले जाने की क्षमता होती है, जो इसे प्रदर्शन के साथ-साथ युद्ध के लिए भी सक्षम बनाती है।

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