Dantewada News : माँ दंतेश्वरी मंदिर में शुरू होगा 365 दिन अन्नपूर्णा भोग भंडारा, सर्व आदिवासी समाज की पहल


दुर्जन सिंह
बचेली छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के मंदिर प्रांगण में एक ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व की पहल की शुरुआत होने जा रही है। सर्व आदिवासी समाज और जिले के सभी समाज प्रमुखों ने मिलकर निर्णय लिया है कि आगामी शारदीय नवरात्रि से माँ दंतेश्वरी अन्नपूर्णा भोग भंडारा शुरू किया जाएगा। यह भंडारा वर्ष के 365 दिन मंदिर परिसर में भक्तों के लिए उपलब्ध होगा, जो न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देगा।

बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
माँ दंतेश्वरी ज्योति कलश भवन में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में दंतेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी श्री विजेंद्र जिया और शिवानंद आश्रम गुमरगुंडा के स्वामी श्री विशुद्धानंद सरस्वती की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया। बैठक में जिले के सभी समाज प्रमुखों ने विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से इस भंडारे की शुरुआत को मंजूरी दी। इस पहल को मूर्त रूप देने के लिए मंदिर समिति और जिला कलेक्टर से चर्चा कर अनुमति ली जाएगी।

अन्नपूर्णा भोग भंडारा: एक सामाजिक और आध्यात्मिक पहल
माँ दंतेश्वरी अन्नपूर्णा भोग भंडारा का उद्देश्य मंदिर में आने वाले भक्तों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराना है। यह पहल न केवल भक्तों की सेवा करेगी, बल्कि सामाजिक एकता और सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी। इस भंडारे में देश भर के लोग दान के माध्यम से सहयोग कर सकेंगे। कोई भी व्यक्ति अपने जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, मांगलिक कार्यों या श्रद्धा के रूप में अन्न दान कर सकता है। यह पहल सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने का एक अनूठा प्रयास है, जिसमें हर व्यक्ति अपनी इच्छानुसार योगदान दे सकता है।

सर्व आदिवासी समाज की अग्रणी भूमिका
इस भंडारे की शुरुआत में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की अहम भूमिका है। यह समाज, जो दंतेवाड़ा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का संरक्षक रहा है, इस पहल के माध्यम से सामाजिक सेवा और धार्मिक आस्था के बीच एक सेतु स्थापित करने जा रहा है। माँ दंतेश्वरी, जो बस्तर की आराध्य देवी और भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक हैं, के प्रति यह समर्पण क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को और मजबूती प्रदान करेगा।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
यह भंडारा न केवल भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। हाल ही में उद्घाटित माँ दंतेश्वरी कॉरिडोर, जो उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर विकसित किया गया है, ने दंतेवाड़ा को पर्यटन और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है। इस भंडारे से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।
नवरात्रि से होगी शुरुआत
आगामी शारदीय नवरात्रि से इस भंडारे की शुरुआत होगी, जो माँ दंतेश्वरी के प्रति भक्तों की आस्था को और गहरा करेगा। दंतेवाड़ा में नवरात्रि का विशेष महत्व है, जहां वर्ष में तीन बार नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें फागुन मढ़ई (आखेट नवरात्रि) भी शामिल है। इस भंडारे से नवरात्रि के दौरान आने वाले भक्तों को विशेष सुविधा मिलेगी।
माँ दंतेश्वरी अन्नपूर्णा भोग भंडारा की शुरुआत दंतेवाड़ा के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो आस्था, सेवा और सामुदायिक सहयोग का प्रतीक बनेगा। यह पहल न केवल मंदिर की पवित्रता को बढ़ाएगी, बल्कि दंतेवाड़ा को एक प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और अधिक प्रख्यात करेगी। सर्व आदिवासी समाज और जिला प्रशासन के इस प्रयास से दंतेवाड़ा एक बार फिर सामाजिक समरसता और धार्मिक आस्था का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेगा।